सबसे बड़ी आफत, बुफे (बफर) की दावत- The biggest disaster, the buffet (buffer) feast Funny
आप सभी लोग मानो या ना मानो,
लेकिन हमारे लिए सबसे बड़ी आफत
बुफे की दावत ।
एक दिन हमें भी जाना पड़ा था बारात में,
बीबी, बच्चों के साथ में ।
सभी के सभी बाहर से शो-पीस
अन्दर से रुखे थे
मगर क्या करें भाई साहब
सुबह से भूखे थे,
जैसे ही खाने का संदेशा आया हाल में,
भगदड़ मच गई पण्डाल में,
एक के ऊपर एक बरसने लगे,
जिसने ले लिया सो ले लिया।
बाकी खड़े तरसने लगे।
पहला व्यक्ति,
हाथ में प्लेट लिए,
इधर से उधर चक्कर लगा रहा था,
खाना लेना तो दूर उसे देख भी नहीं पा रहा था,
दूसरा व्यक्ति,
अपनी प्लेट में
चावल की तस्तरी झाड़ लाया था।
उससे कहीं ज्यादा तो अपना कुर्त्ता फाड़ लाया था।
तीसरा एक महिला थी,
जो ताड़ की तरह तनी थी,
उसकी आधी साड़ी तो
पनीर की सब्जी में सनी थी,
उसे बार-बार धो रही थी,
पड़ोसन की पहन कर आयी थी,
इसलिये रो रही थी।
चौथा व्यक्ति,
अकेले ही मारे झटके झेल रहा था।
मीट में घुसने से पहले
दण्ड पेल रहा था।
पांचवा व्यक्ति,
कल्पना में ही खाना खा रहा था,
प्लेट दूसरे की देख रहा था,
मुँह अपना चला रहा था।
छठवाँ व्यक्ति,
इन हरकतों से बहुत ज्यादा परेशान था,
इसलिए उसका बीबी बच्चों से ज्यादा,
प्लेट पर ध्यान था।
सातवें का तो मालिक ही रब था,
प्लेट उसके हाथ में थी
मगर हलुआ गायब था।
आठवाँ व्यक्ति,
अजीब हरकतें कर रहा था।
खाना, खाने की बजाय जेबें भर रहा था ।
नवाँ व्यक्ति,
बेचारा गरीब था, लाचार था,
बेचारा गरीब था, लाचार था,
अतः कपडे उतार कर पहले से ही तैयार था ।
दसवाँ व्यक्ति,
स्वयं लड़की वाला था।
जिसके प्राण कंठ में अड़े थे,
घराती तो सारे जींम रहे थे,
और बाराती बेचारे, सड़क पर खड़े थे।
अंत में देखते हुए यह हालत,
हमने पत्नी से कहा "डीअर,
लौट चलें सही सलामत
कहीं हो न जाये हजामत ।
इतना सुनते ही पत्नी बिगड़ गई,
पता नहीं किस उल्लू के पल्ले पड़ गई।
इससे अच्छा होता कि किसी पहलवान से शादी रचाती,
तो कम से कम भूखी तो नहीं मारी जाती,
पर इससे शादी करके
आज तक अपने मन को कचौट रही हूँ,
और जिन्दगी में पहली बार
बिना खाये पिये वापिस लौट रही हूँ।
😃😀😶😄☺️
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