गोरा राजा और काला दानव (भाग-१)- Fair King and Black Giant, (Part 1) Adventure Story
नमस्कार दोस्तों !
मैं एक रोमांचक कहानी सुनाने जा रहा हूँ, ये कहानी है एक राजा और एक काला दानव की। यह एक काल्पनिक कहानी है तथा इसके सभी पात्र काल्पनिक है, इसका किसी भी घटना से कोई लेना देंना नहीं है।
मैं एक रोमांचक कहानी सुनाने जा रहा हूँ, ये कहानी है एक राजा और एक काला दानव की। यह एक काल्पनिक कहानी है तथा इसके सभी पात्र काल्पनिक है, इसका किसी भी घटना से कोई लेना देंना नहीं है।
तो मैं ये कहानी शुरु करता हूँ।
कुछ समय पहले दक्षिण के एक राज्य राजगढ़ में एक परमवीर राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज करते थे। वो बहुत ही दयावान और न्यायप्रिय थे, राजगढ़ की प्रजा उनके शासन से प्रसन्न थी। राजा अब वृद्ध हो चले थे । उनकी कोई संतान नहीं थी । लेकिन प्रजा की दुआओ से आज उनके महल में उनकी छोटी रानी अम्बिका के गर्भ से उनके राज्य के उत्तराधिकारी का जन्म हुआ। राजा और प्रजा सभी लोग अत्यधिक प्रसन्न थे।
राजा ने राज्य में राजकुमार के नामकरण के समारोह की घोषणा कर दी । प्रजा को राजकुमार मिल गया था , सभी प्रजाजन राजकुमार के आने की खुशी में ढोल, नगाड़े बजा कर नृत्य कर रहे थे। राजा ने पूरे राज्य को सजवा दिया तथा सभी प्रजाजनों व राज्य के सभी ब्राह्मणों व विद्वानों को राजकुमार के नामकरण आदि के लिए समारोह में आमंत्रित किया।
दूर-दूर से ब्राह्मण व विद्वान लोग समारोह में उपस्थित हुए । राजा ने उनका स्वागत बहुत आदर से किया। उनकी सच्चे मन से सेवा की। राजा ने गरीबों को कपड़े व जरूरत की वस्तुएं वितरित कीं।
अब राजा ने ब्राह्मणों से नामकरण के लिए कहा। तो सभी ब्राह्मणों ने राजकुमार का नाम भानु प्रताप सिंह रखा।
राजा ने ब्राह्मणों से राजकुमार के भविष्य व कुंडली के बारे में जानने को कहा, जैसे ही उन्होंने कुंडली को पढ़ा वो स्तब्ध रह गए, कुछ बोल न सके।
ऐसा क्या लिखा था कुंडली में जिसे पढ़कर ब्राह्मण चकित रह गए। राजकुमार पर ऐसी क्या मुसीबत आने वाली हैं, यह जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरा हिंदी ब्लॉग।
आगे की कहानी अगले पार्ट में....
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